आजसू का गणित उप चुनाव बिगाड़ देने को आतुर
सिल्ली चुनाव आप सब की जानकारी के लिए सिल्ली में बहुकोणीय चुनाव रूपी 'संजीवनी बूटी' की तलाश में भाजपा से टकराव की राह पर आजसू सिल्ली और गोमिया में होनेवाले उपचुनाव को लेकर 2014 विधानसभा चुनाव पूर्व बीजेपी-आजसू गठबंधन टूट के कगाार पर है। सिल्ली का चुनावी अंकगणित बताता है कि गठबंधन की टूट से ही सिल्ली में सुदेश की जीत की संभावनाएं बलवत हो सकती हैं इसलिए बीजेपी की हिस्सेवाली गोमिया सीट पर दावा आजसू की सोची-समझी राजनीति का हिस्सा है। सिल्ली में सुदेश महतो का वर्ष 2000 से लेकर आजतक का चुनावी इतिहास बताता है कि विपक्षी वोट में बंटवारे के कारण ही वो चुनाव जीतते आ रहे थे, 2014 के विधानसभा चुनाव में विपक्षी वोटों का बंटवारा नहीं हुआ और सुदेश 29,740 वोटों से चुनाव हार गए थे (पढ़ें बाॅक्स)। राज्य सभा चुनाव के बाद विपक्षी एकता मजबूत हुई है इसलिए सिल्ली और गोमिया में विपक्ष की ओर जेएमएम का प्रत्याशी ही सर्वमान्य होगा ये लगभग तय माना जा रहा है। ऐसे में सिल्ली में फिर से बायोपोलर यानि आमने-सामने के चुनाव के आसार बन रहे हैं, और आजसू जानती है कि सिल्ली में बायोपोलर चुनाव हुए तो हार की एक और माल